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संयुक्त राष्ट्र संघ और उसके अंग

 संयुक्त राष्ट्र संघ और उसके अंग – राष्ट्र संघ की असफलता और द्वितीय विश्व युद्ध के विनाश ने लोगों को शांति के लिए प्रेरित किया, तथा इस शांति के लिए एक अंतरराष्ट्रीय संगठन की आवश्यकता महसूस की गई। जिसके फलस्वरूप अंतरराष्ट्रीय संगठन के गठन हेतु 1941 से ही प्रयास आरंभ कर दिया गया।

 युद्ध की समाप्ति के बाद काफी विचार विमर्श के पश्चात 24 अक्टूबर 1945 को संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना की गई ।

जिन महत्वपूर्ण घटनाओं के कारण संयुक्त राष्ट्र की स्थापना हुई, उनका संक्षिप्त विवरण है-

  •  1. सेंट जेम्स पैलेस की घोषणा 1941    
  • 2. अटलांटिक चार्टर, 1941
  • 3.  संयुक्त राष्ट्र घोषणा 1942
  • 4.  मास्को घोषणा 1943
  • 5. तेहरान घोषणा 1943
  • 6. डम्बरटन – ऑक्स सम्मेलन, 1944
  • 7. सैन फ्रांसिस्को सम्मेलन 1945

संयुक्त राष्ट्र संघ के बारे में महत्वपूर्ण नोट्स

  • संयुक्त राष्ट्र की स्थापना में मुख्य भूमिका सैन फ्रांसिस्को सम्मेलन की रही।
  •  संयुक्त राष्ट्र की घोषणा का समर्थन 45 राज्यों ने किया।
  • सैन फ्रांसिस्को का अंतिम सत्र 25 जून, 1945 को आयोजित किया गया, जिसमें चार्टर को एक मत से पारित कर दिया गया, और उस पर 26 जून, 1945 को सभी 50 प्रतिनिधियों द्वारा हस्ताक्षर किया गया।
  • पौलेण्ड ने, 15 अक्टूबर, 1945 को चार्टर  पर हस्ताक्षर किया। इस प्रकार चार्टर पर 51 राज्यों ने हस्ताक्षर किए।
  •  वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र संघ के 193 सदस्य हैं।
  • 28 जून, 2006 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मोंटेनेग्रों को 192वाॅ  सदस्य घोषित किया।
  • 193 वां सदस्य दक्षिणी सूडान है।
  •  जब 29 हस्ताक्षर कर्ता राज्यों द्वारा चार्टर  का अनुसमर्थन कर दिया गया जिसमें सुरक्षा परिषद के पांचों स्थाई सदस्य भी शामिल थे। संयुक्त राष्ट्र संघ 24 अक्टूबर, 1945 को प्रवर्तन में आया,
  • संयुक्त राष्ट्र का चार्टर एक संधि है और विश्व संगठन का संविधायी दस्तावेज है।
  •  संयुक्त राष्ट्र चार्टर की उद्देशिका संयुक्त राष्ट्र के मूल लक्ष्यों को घोषित करती है। ये लक्ष्य है-
  • 1.  भावी पीढियों  को युद्ध के प्रकोप से बचाना।
  • 2. मौलिक स्वतंत्रताओं एवं मानव अधिकारों के प्रति निष्ठा पुनः अभिव्यक्त करना।
  • 3. न्याय की स्थापना करना और अंतरराष्ट्रीय बाध्यताओं का सम्मान करना।
  • 4.  सामाजिक प्रगति और जीवन स्तर की अभिवृद्धि करना ।
  • चार्टर प्राथमिक रूप से एक बहुपक्षीय संधि है और इसका आबद्धकर बल “पैक्टा संट सर्वेंडा” के सिद्धांत पर इसके पक्षकारों की सम्मति पर आधारित है।
  •  चार्टर  में “हम संयुक्त राष्ट्र के लोग” शब्दावली का प्रयोग यह स्पष्ट करने के लिए किया गया है, कि संयुक्त राष्ट्र  “लोगों का संगठन” है।
  • संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 2 में सात सिद्धांत निर्धारित है जिसमें से पांच सिद्धांत संगठन के सभी सदस्यों को निर्देशित है।
  • अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के सदस्यों के रूप में निर्वाचन के लिए व्यक्तियों का नाम निर्देशन स्थाई मध्यस्थम न्यायालय के राष्ट्रीय  समूह द्वारा किया जाता है।
  •  अंतरराष्ट्रीय न्यायालय किसी विवाद को निपटाने के लिए साम्य, न्याय और शुद्ध अन्तः करण (एक्स इको एड बोनो)  का प्रयोग पक्षकारों की सहमति से करता है।
  •  चार्टर  के अनुच्छेद 42 के अंतर्गत सुरक्षा परिषद किसी राज्य के विरुद्ध सशस्त्र बल का प्रयोग कर सकती है।
  •  संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 2(6) के अनुसार संगठन यह सुनिश्चित करेगा कि जो राज्य संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्य नहीं है वे जहां तक अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए आवश्यक हो, कार्य करें।
  • संयुक्त राष्ट्र का प्रमुख अंग सचिवालय व्यक्तियों से गठित होता है, न कि राज्यों से।
  • संयुक्त राष्ट्र संघ का मुख्य अंग न्यासता परिषद अब निष्क्रिय हो चुका है।
  • संयुक्त राष्ट्र का महासचिव संयुक्त राष्ट्र का मुख्य प्रशासनिक अधिकारी होता है।
  •  प्रक्रिया के मामलों में सुरक्षा परिषद 9 सदस्यों के सकारात्मक मतों द्वारा निर्णय लेती है।
  •  महत्वपूर्ण मामलों में निर्णय महासभा उपस्थित और मतदान में भाग लेने वाले सदस्यों के दो तिहाई बहुमत से लेती है।
  • संयुक्त राष्ट्र चार्टर में संशोधन करके सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्यों  की संख्या बढ़ाई जा सकती है।
  •  विवादास्पद और सलाहकारी दोनों प्रकार की कार्यवाहियों में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की संविधि राज्यों को तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति करने का अधिकार देती है जो न्यायालय के समक्ष वाद में उसके प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हैं ।
  •  आर्थिक और सामाजिक परिषद को मानवाधिकारों को प्रोन्नत करने हेतु आयोग गठित करने की शक्ति प्राप्त है।
  • आर्थिक और सामाजिक परिषद के 18 सदस्य प्रतिवर्ष संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा चुने जाते हैं ।
  • संयुक्त राष्ट्र के प्रथम मानवाधिकार उच्चायुक्त का नाम सदाको ओगाता है।
  • आरंभ में आर्थिक व सामाजिक परिषद की सदस्य संख्या 18 थी।
  • अंतर्राष्ट्रीय विधि के विकास को प्रोत्साहित करना महासभा का कार्य है।
  • अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने का प्राथमिक कार्य सुरक्षा परिषद का है।
  • संयुक्त राष्ट्र संघ की आर्थिक और सामाजिक परिषद की मूल सदस्य संख्या 18 थी।
  • राष्ट्रों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों का विकास चार्टर के अनुच्छेद 1 में उल्लेखित संयुक्त राष्ट्र के प्रयोजनों में से एक है।
  • संयुक्त राष्ट्र के महासचिव की नियुक्ति सुरक्षा परिषद की संस्कृति पर महासभा द्वारा की जाती है ।
  • यूनिसेफ शिशु कल्याण से संबंधित है।
  • अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन संयुक्त राष्ट्र संघ का अंग नहीं है।
  • चार्टर के अध्याय 13 में संयुक्त राष्ट्र संघ की न्यासिता  परिषद के बारे में प्रावधान किया गया है।
  • अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का विनिश्चय पक्षकारों  के बीच और उस विशिष्ट मामलों की बाबत आबद्ध कर होता है, अन्यथा नहीं।
  • अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की प्रथम महिला न्यायाधीश रोजलिन हिगिन्स है ।
  • अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का बजट महासभा द्वारा अनुमोदित किया जाता है।
  • अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के समक्ष मामलों में केवल राज्य ही पक्षकार हो सकते हैं ।
  • संयुक्त राष्ट्र चार्टर में संशोधन करके आर्थिक एवं सामाजिक परिषद के सदस्यों की संख्या दो बार बढ़ाई गई है।
  • https://www.happyhealthysociety.com/united-nations-objectives-international-law/
  • International Law

संयुक्त राष्ट्र के उद्देश्य 

जिन उद्देश्यों के लिए संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की गई थी, उनका वर्णन चार्टर के अनुच्छेद -1 में किया गया है।

 ये उद्देश्य है -1. अंतरराष्ट्रीय शांति तथा सुरक्षा को बनाए रखना- इस उद्देश्य को चार्टर का अनुच्छेद (1) का परिच्छेद (1) प्रावधानित करता है।

2.  राष्ट्रों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों का विकास कराना-इस उद्देश्य का प्रावधान अनुच्छेद (1) का परिच्छेद (2) करता है। 
3.  अंतरराष्ट्रीय सहयोग उत्पन्न करना – इस उद्देश्य को चार्टर का अनुच्छेद (1) का परिच्छेद  (3) अधिकथित करता है।

4. समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र को अंतरराष्ट्रीय केंद्र बनाना संयुक्त राष्ट्र के इस उद्देश्य का वर्णन अनुच्छेद (1) के परिच्छेद (4) के अधीन किया गया है।

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